भारत को क्यों नहीं मिल रहा दूसरा पुजारा:टेस्ट टीम में दो साल में 6 विकल्प आजमाए, सारे फेल; नंबर-3 की तलाश जारी

सहवाग, द्रविड़, सचिन गए तो रोहित, पुजारा और कोहली आए। अब ये तीनों भी जा चुके हैं। भारतीय टेस्ट टीम में हमें रोहित की जगह यशस्वी जायसवाल के रूप में बेहतरीन ओपनर मिल चुका है। शुभमन गिल ने नंबर-4 को बिल्कुल वैसे ही अपना बना लिया है, जैसे कोहली ने बनाया था। पुजारा ने आज रिटायरमेंट की घोषणा कर दी है, लेकिन टीम इंडिया में नंबर-3 पर उनके जैसे बल्लेबाज की तलाश अब भी जारी है। वैसे पुजारा दो साल से टीम से बाहर चल रहे थे। उन्होंने अपना आखिरी टेस्ट मैच 2023 के जून में खेला था। तब से भारतीय टीम ने नंबर-3 पर गिल, साई सुदर्शन, करुण नायर, विराट कोहली, देवदत्त पडिक्कल और केएल राहुल को आजमाया। इन 6 विकल्पों ने मिलकर नंबर-3 पर 24 मैचों की 45 पारियों में सिर्फ 31 की औसत से रन बनाए। पुजारा टेस्ट में करीब 44 की औसत के साथ रिटायर हुए हैं। जाहिर है हमें पुजारा का विकल्प अब तक नहीं मिला है। आखिर पुजारा में ऐसी क्या खासियतें थीं कि उनको रिप्लेस करना सिलेक्शन कमेटी के लिए मुश्किल हो रहा है। यह जानने के लिए हमने भारतीय टीम के पूर्व चीफ सिलेक्टर चेतन शर्मा से बात की। उन्होंने कहा- अगर आप आंकड़ों के दम पर पुजारा का विकल्प ढूंढेंगे तो आपकी तलाश कभी पूरी नहीं होगी। पुजारा की क्वालिटी उन आंकड़ों से परे है जिन पर क्रिकेट फैंस की नजर होती है। आप इस पर ध्यान देते हैं कि सबसे ज्यादा रन किसने बनाए, सबसे ज्यादा शतक किसके नाम हुए, सबसे ज्यादा चौके और छक्के कौन जमा रहा है? ये आंकड़े ग्लैमरस हैंं, लेकिन अच्छे नंबर-3 के लिए कुछ पहलू इनसे भी ज्यादा महत्वपूर्ण होते हैं। आपको देखना होगा कि क्रीज पर सबसे ज्यादा समय कौन बिताता है? सबसे ज्यादा गेंदें कौन खेल पाता है? शरीर पर सबसे ज्यादा गेंदें कौन झेलता है? कौन सबसे ज्यादा गेंदें छोड़ सकता है? क्रिकेट में ऐसे आंकड़े सेक्सी नहीं माने जाते। ऐसे खिलाड़ियों पर ज्यादा अटेंशन नहीं जाता। न तो फैंस का, न ही विज्ञापनदाताओं का। इस वजह से ऐसे खिलाड़ी कई बार सिलेक्टर्स की रडार पर नहीं आ पाते हैं। नंबर-3 के लिए जरूरी तमाम क्वालिटी एक खिलाड़ी में कम ही होती हैं। इसलिए राहुल द्रविड़ या चेतेश्वर पुजारा का विकल्प मिलना मुश्किल होता है। हम बतौर क्रिकेटिंग नेशन बहुत खुशकिस्मत थे कि द्रविड़ के रिटायरमेंट से पहले ही पुजारा तैयार थे। अब मामला ऐसा नहीं है। एक अन्य सिलेक्टर ने नाम सार्वजनिक न करने की शर्त पर कहा- 2018 से पहले भारत कभी ऑस्ट्रेलिया में सीरीज नहीं जीत पाया था। जब जीता तो लगातार दो बार। चाहे 2018-19 की जीत हो या 2020-21 की जीत। आप किसको ज्यादा याद करते हैं। कभी कोहली आपकी जेहन में आएंगे तो कभी ऋषभ पंत, लेकिन सच्चाई यह है कि अगर उन दोनों सीरीज में पुजारा न होते तो भारत की जीत मुमकिन नहीं होती। 2021 का ब्रिस्बेन टेस्ट याद कर लीजिए। सर से पांव तक हर जगह पुजारा ने चोट खाई। उस पिच पर ऑस्ट्रेलियाई बॉलिंग की धार को कुंद करने के लिए हमें एक ऐसा शेर बल्लेबाज क्रीज पर चाहिए था जो दीवार बन कर खड़ा हो जाए। अब रिकॉर्ड बुक में झाकेंगे तो पुजारा की बहादुरी की वह दास्तान आपको समझ में नहीं आएगी। इसी तरह 2018 की सीरीज को ही लीजिए। इसमें पुजारा ने 4 मैचों में 3 शतकों के साथ 500 से ज्यादा रन बनाए थे। दोनों टीमों को मिलाकर सबसे ज्यादा। इस सीरीज में पुजारा ने 1200 से ज्यादा गेंदें खेली थीं। कोई दूसरा बल्लेबाज 700 गेंदें भी नहीं खेल पाया था। उन्होंने आगे कहा- भारत में टैलेंट की कमी नहीं है। हमें पुजारा का विकल्प जरूर मिलेगा। साई सुदर्शन, पडिक्कल या ईश्वरन में भी टैलेंट की कमी नहीं है। इन बल्लेबाजों को नंबर-3 की फिलॉसफी समझनी होगी। उनको पुजारा या द्रविड़ की तरह यह एटीट्यूड दिखाना होगा कि वो ऐसी बल्लेबाजी करें मानों पिच पर बिस्तर लगाकर लेट गए हों। जरूरत पड़ने पर उन्हें बॉडी पर गेंदें भी झेलनी होगी। तकनीक में हमेशा सुधार करते रहना होगा। पुजारा की क्वालिटी को कुछ दिग्गज क्रिकेटर्स के उन बयानों से भी समझा जा सकता है जो उन्होंने पुजारा के रिटायरमेंट के बाद दिए हैं। युवराज सिंह कहते हैं- पुजारा वैसे क्रिकेटर थे जो देश के लिए अपना दिमाग, अपना शरीर और अपनी आत्मा न्योछावर कर देते थे। टीम इंडिया के मौजूदा कोच गौतम गंभीर कहते हैं- जरूरी नहीं कि सिर्फ चौके-छक्के जमाने या फील्ड पर चिल्लाने पर ही किसी खिलाड़ी की आक्रामकता साबित हो। इरफान ने पुजारा के लिए ट्वीट किया है- आपके डिफेंस में आपकी आक्रामकता झलकती थी। आपने हमेशा भारत को गर्व का अनुभव कराया है। टेस्ट क्रिकेट में भारत का अगला असाइनमेंट अक्टूबर में वेस्टइंडीज के खिलाफ है। इस सीरीज में नंबर-3 पर किसे मौका मिलेगा अभी नहीं कहा जा सकता है। लेकिन, जो भी खिलाड़ी इस नंबर पर खेलेगा उसे अच्छी तरह पता होगा कि उससे टीम को क्या उम्मीदें हैं। उसे भी पुजारा की तरह सॉलिड और स्वार्थहीन बनना होगा। उसे भी ऐसा बल्लेबाज बनना होगा जिसके आगे और प्रतिद्वद्वी टीमें और प्रतिद्वंद्वी गेंदबाज हांफ जाएं। ——————————— चेतश्वर पुजारा के रिटायरमेंट की खबर पढ़ें… बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। उन्होंने रविवार को सोशल मीडिया पर रिटायरमेंट की जानकारी दी। पुजारा ने अपना आखिरी इंटरनेशनल मैच जून 2023 (टेस्ट ) में खेला था। पढ़ें पूरी खबर…

स्पोर्ट्स | दैनिक भास्कर

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